अमेरका सरकार द्वारा पाकिस्तान में छिपे लादेन को मार गिराए जाने के बाद प्रोत्साहित होकर भारत सरकार ने एक बचकानी हरकत की , उसने पाकिस्तान सरकार को दाऊद इब्राहीम , छोटा शकील सहित “पचास मोस्ट वांटेड आतंकी सरगनाओ” की लिस्ट थमा कर उन्हें भारत को सौपने के लिए कहा है .
ऐसी बचकानी हरकत वो पहले भी कई मर्तबा कर चुकी है जिसके प्रतिक्रिया स्वरुप पाकिस्तान ने भी लाल कृष्ण आडवानी , बाला साहेब ठाकरे सहित कई अन्य राजनितिक दिग्गजों एवं VIPs के नाम भारत को थमा दी थी उन्हें पाकिस्तान को सौपने के लिए .
अब सवाल ये उठता है – क्या पाकिस्तान उन 50 आतंकी सरगनाओ को भारत के सुपुर्द करेगी ?
नामुमकिन
न पाकिस्तान के मन उन आतंकी सरगनाओ के प्रति वेमनस्य का भाव है कि वह उन्हें भारत के सुपुर्दगी करे , और न ही भारत में वो कुवत है कि वो पाकिस्तान मई घुसकर उन सरगनाओ में से किसी एक को भी ढेर कर सके .
तो हुई न ” न नो मन तेल होगा और न राधा नाचेगी “ वाली बात
अलबता हम एक स्वप्न जरूर देख सकते है , कि – पाकिस्तान किसी करनवास उन 50 आतंकी सरगनाओ को भारत के सुपुर्द करने पर विवस हो जाता है .
उसके बाद क्या होगा जानते है आप ?
भारत सरकार का दिल न तो ओबामा जितना निष्ठुर है कि हाथ आते ही उन आतंकी सरगनाओ को तत्काल ढेर कर दे , और न ही भारत का कानून इतना सख्त है , कि पकडे जाते ही उन आतंकी सरगनाओ
को तुरंत फाँसी पर लटका दे .
फिर चलेगी एक लम्बी बेहद लम्बी कानूनी प्रक्रिया , दिवार पर टंगे न जाने कितने केलेंडर बदलते चले जायेंगे तब तक , और यह भी निश्चित है कि दो तीन सरकारों कि बदली तब तक हमारे देश मे हो चुकी होगी .
और इतने लम्बे समय के अंतराल को अतिक्रमण करने के लिए जाहिर सी बात है उन सभी आतंकी सरगनाओ को हमारी सरकार बड़े ही नाजो साज़ के साथ पालेगी. आखिर भारत मे अतिथि देवो भव: होते है .
सुरख्या को मद्देनजर रखते हुए ये भी आवश्यक होगा सरकार के लिए कि उन सभी आतंकी सरगनाओ को देश के अलग – अलग हिस्सों में पूरी सुरख्या व गुप्तुगी के साथ रखे .
जिनके रखरखाव व खान पान पर प्रतिमाह करोडो और सालाना अरबो रुपये खर्च होंगे . फिर तो हमारे देश कि ‘वित्त मंत्री’ को अपने बजट में देश मे आतंकियों के रख रखाव के लिए भी विशेस प्रवधान करना पड़ेगा .
सन 2008 मुंबई आक्रमणकारी अजमल कसाब व सन 2001 संसद आक्रमन्कारियो पर आप नज़र दल सकते है , जो पकडे जाने के बाद बड़े ही शान से अब तलक हमारे देश के सौ करोड़ रुपयों से ज्यादा निगल चुके है .
अकेले अजमल कसाब अब तक सबसे कम समय में हमारा चालीस करोड़ रुपयों से निगल चुका है .
हमारे देश के किसी “चीफ मिनिस्टर” को वो सुरख्या नहीं मुहैया कराइ गई जो द ग्रेट कसाब को मुहैया है .
चलिए हम वापस स्वप्न वाली बात पर आते है – उन पचास आतंकी सरगनाए भारत कि गिरफ्त मे आने के बाद , भारत सरकार उनकी मेजबानी व सुरख्या मे अरबो रुपये खर्च करते हुए सालो साल तक इंतजार करेगी किसी ऐसे बड़े हादसे का जिसमे या तो देश के किसी V I P को अपृहत कर लिया जाय या फिर यात्रियों से भरा कोई विमान अपहरण कर फिरौती के तौर पर उन आतंकी सरगनाओ को वापस छुड़ा लिया जाय .
है न बिलकूल राजनीति व कूटनीति अनूठा संगम ?
अरे किसी को यदि कूटनीति सीखनी है तो पाकिस्तान सरकार से सीखे व राजनीति सीखनी है तो भारत सरकार से सीखे .
अब तो भारत सरकार से हमारी सीधी गुजारिश है कि अपनी बचकानी हरकतों से देश कि जनता को बच्चो की तरह बहलाना छोड़ दे , और एक विशेष “कौम” के वोट बैंक की फिकर न करते हुए राष्ट्र हित की सोचे .
अब तो अमरीकी सरकार भी आपको इस दिशा में मदद देने को तैयार है .
कसाब साहित भारत में मौजूद अन्य आतंकियों का काम तमाम करो फिर बाद में पाकिस्तान से औरो की मांग करो
by . Suraj Agrawal . Rourkela _ Odisha
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