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मन मोहने वाले हमारे प्रधानमंत्री

जनजागरण अभियान
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            manmohan-singhइसमें कतई कोई संदेह नहीं कि हमारे देश के ‘ माननीय प्रधानमंत्री डा० मनमोहन सिंह ‘  बहुमूल्य प्रतिभा के धनी है . प्रधानमंत्री के गरिमामयी पद पर आसीन होने से पूर्व वे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर एवं भारत के वित्त मंत्री जैसे महत्वपूर्ण एवं उच्चस्थ पदों पर अपना दावित्व बखूबी निभा चुके है .

        लेकिन यू० पी० ए० के गठबंधन सरकार का शिरोमणि  बनकर क्या उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वाह पूरी निष्ठा , निष्पख्य व ईमानदारी के साथ किया है ?

        क्या उन्होंने ‘एक सौ इक्कीस करोड़’ से ऊपर कि आबादी वाले इस बहुसंख्यक राष्ट्र के लोगो के विश्वास को अब तलक बरक़रार रखा है ?

         प्रधानमंत्री के पद पर अपने दायित्वों का निर्वाह करने में सम्बिधानिक सभी नियमो का क्या उन्होंने निष्ठापूर्वक पालन किया है ?

          यदि हां – तब ,

         1 ) चीफ विजिलेंस कमिशनर CVC (मुख्य सतर्कता ब्युरो ) के पद परपी०जे०थामस की नियुक्ति पर क्या उन्होंने सम्बिधानिक सभी नियमो का पालन किया था ? यदि हां तो ……….

             विपख्य की नेता श्रीमतीसुषमास्वराज द्वारा आवाज उठाए जाने के बाद एवं माननीयसुप्रीमकोर्ट द्वारा ‘उनसे’ जवाब मांगे जाने पर आख़िरकार उन्होंने अपनी भूल स्वीकार करते हुए माफ़ी फिर क्यों मांगी ? 

            आखिर किसके  आदेश पर  CVC जैसे उच्चस्थ सरकारी पदों पर उन्होंने   पी०  जे०थामस  को नियुक्ति दी थी ? सम्बिधानिक नियमानुसार CVC  के पद पर ,बिपख्य के नेता एवं सुप्रीम कोर्ट के आपसी मशवरे पर  केवल साफ सुथरी छवि वाले  I A S को  नियुक्ति दी  जाती   है  जबकि  थामस पर पूर्व से ही कई आरोप लगे हुए थे .

      2 ) कामनवेल्थ गेम हो  या  2 जी० स्पेक्ट्रम  दोनों ही महा घोटालो का दस्तावेज शुरू में ही प्रधानमंत्री कार्यालय में आगत हो चुका था , बावजूद इसके उन्होंने अपनी आंखे बंद करते हुए उन्हें हरी झंडी दिखाई .

           आखिर क्यों ?

           किसके इशारे पर ?

           क्या मजबूरी थी उनकी ?

        3 )  इन मामलातो में P A C संसदीय ‘पब्लिक एकाउंट कमिटी ‘  द्वारा प्रधानमंत्री पर किये गए भात्र्सना   के बाद  P A C मुख्य श्री मुरली मनोहर जोशी   जी को एक बारगी पद से हटाने मे क्या उनकी भूमिका  संदेहास्पद नहीं थी ?

       4 ) CWG आरोपी सुरेशकलमाधी  हो या 2 जी० स्पेक्ट्रम घोटालेबाज पूर्व संचार मंत्री ऐ०राजा दोनों

  पर ही आरोप साबित होने के बावजूद तत्काल उनकी गिरफ़्तारी के लिए कोई कदम न उठाने देना , तब तक जब तक कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा फटकार न मिली हो , क्या उनकी योग्यता व निष्ठा पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगा रहा ?

         अब सोचना आप सभी का काम है और जवाब देना उनका

      By. Suraj Agrawal . Rourkela- Odisha

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