- 13 Posts
- 33 Comments
भारतवर्ष में भ्रस्टाचार इतनी तिव्रता के साथ फ़ैल चुका हे ,तथा हर सरकारी तंत्र के बिच इतनी मजबूती के साथ अपनी जड़े जमा चुका हे , कि इसे शिघ्र अति शिघ्र समूल नस्ट कर पाना किसी भी व्यक्ति,पार्टी ,संस्था या सरकार के लिए संभव नहीं प्रतीत होता, परन्तु हां यदि भारत सरकार चाहे तो इसे काफी हद तक कम कर सकती हे, इसके लिए हमारी सरकार को कई ठोस कदम उठाने होगे .
वही देश के बहार निकल चुके काले धन को वापस देश में ला पाना उतना असान नहीं हे जितना भाषणों में नजर आता हे, अलबता देश के भीतर छिपे काले धन को सरकार यदि चाहे तो कुछ ही दिनों के अंतराल पर निकल सकती हे, बिलकूल नायब और प्रभावसाली तरीके से जो “कई लाख करोड़ रुपयों ” में निकलेगा वो भी गिनती के चन्द दिनों में लेकिन सरकार के तवज्जो में यह सुलभ तरीका होते हुए भी वह ऐसा करना नहीं चाहती .
देश के भीतर छिपे काले धन को बहार निकालने व भ्रस्टाचार कि बड़ी व मोटी भुजाओ को काटने के लिए ‘बाबा श्री रामदेव’ के कथन अनुसार देश में बड़े नोटों के प्रचलन को संपूर्ण बंद कर दी जाये – इससे लाखो / करोडो कि लें दें वाले भ्रस्टाचार पर जहा गहरी चोट लगेगी वही सताधारियो व नौकरशाहो के बेडरूम व टायलेट के तहखानो के निचे छिपे संदूको में कैद हजार हजार के बंडलो को उनकी सही मुकाम मिल जाएगी .
लेकिन हमारी सरकार ऐसा नहीं चाहती , न जाने क्यों ? बल्कि वो तो ‘पांच हजार’ व ‘दश हजार ‘ के नोट निकालने कि फितरत में हे .
यक़ीनन इससे भ्रसटाचारियो के पौ बारह हो जायेंगे और उनके भर चुके संदूको में काफी जगह और निकल आयेगी व लाखो की काली लेन देन भी बंद मुठियो में कि जा सकेगी .
हमारे माननीय प्रधानमंत्री डा: मनमोहन सिंह जिस वक़्त भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर थे , उन्होंने तत्कालीन सरकार को ये सुझाव पेश किया था -‘देश में छिपे काले धन को बहार निकालने के लिए व भ्रस्टाचार कि तिव्रता में अवरोध पैदा करने के लिए ये जरूरी हे देश में बड़े नोटों के प्रचलन को तत्काल बंद कर दी जाये ‘
उस वक़्त तो बड़े नोटों कि शक्ल में केवल ‘सौ ‘ रुपये के नोट ही प्रचलित थे . लेकिन उस वक़्त भी सरकार ने इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया वल्कि तत्पश्चात ‘ पांच सौ ‘ व हजार ‘ के नोटों का प्रचलन और शुरू हो गया .
जरा सोचिये यदि सरकार हजार व पांच सौ के नोटों को बंद करने कि दिशा में कदम उठाते हुए मात्र ३० दिनों का समय बरक़रार रखते हुए यह घोषणा कर दे कि ‘अमुक तारीख के पश्चात हजार व पांच सौ के किसी भी नोट को बैंक जमा नहीं लेगी , उससे पूर्व इन बड़े नोटों कि लेन देन पूरी करते हुए अपने पास मौजूद इन सभी बड़े नोटों को अपने बैंक खातो में जमा कर दे व उनके बदले उनके सममूल्य के सौ व पचास के नोट बैंक से प्राप्त कर ले .
ऐसा होते ही जहा सभी भ्रसटाचारियो के चेहरे पर काले बादल मंडराने लगेंगे वही काले धन के जमाखोरियो के दिल कि धड़कने बंद होने लगेगी .लेकिन ऐसा करने से पहले सरकार को एक और महत्वपूर्ण व ठोस कदम उठाने पड़ेंगे -‘इससे पहले कुछ सरकार को सोने व चाँदी के आयात पर अपनी नजर कड़ी करनी होगी साथ ही सरकार को यह निर्देशनामा जारी करनी होगी उन तिस दिनों के दरम्यान हर पांच हजार रुपयों से ज्यादा कीमत के सोने व चाँदी कि खरीद पर खरीददार से उसकी पहचान पत्र व एड्रेस प्रूफ लिया जाये अलावा इसके कैश मेमो पर उसका मोबाइल नंबर दर्जा किया जाये . अलावा इसके पचास हजार रुपयों से अधिक कि खरीदारी का भुक्तान केवल बैंक ड्राफ्ट या चेक द्वारा ही होना चाहिए .
इसके उपरांत जो नतीजा सामने आयेगा उससे न सिर्फ सरकार कि वल्कि हर एक आम व्यक्ति कि निगाहे चमक उठेगी.
लेकिन सरकार ऐसा करेगी नहीं .
बता सकते हे क्यों ?
अपना मनतब्य दीजिये
विचार ब्यक्त कीजिये .
Also Publish in google blogspot , yahoo &other site
by. Suraj Agrawal – Rourkela Odisha
Read Comments